अकेले चल दिए

सब झुंझ रहे है
अपने मैदान मैं
पूरी कोशिश करके फिर भी परेशान से
आशा सब को है ज़िन्दगी चल जायेगी
चाहे कितनी भी नाज़ुक हो अंत मैं संभल जायेगी 

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